Kota Mandi Bhav कोटा मंडी भाव: चना भाव में गिरावट, लहसुन की कीमतों में भारी कमी
Kota Mandi Bhav कोटा मंडी में 11 सितंबर 2024 को चना की कीमतों में गिरावट और लहसुन के भाव में 500 रुपए प्रति क्विंटल की भारी गिरावट दर्ज की गई। मंडी में नई खरीफ फसलों की आवक भी बढ़ी।"
Kota Mandi Bhav 11 September 2024 कोटा मंडी में 11 सितंबर 2024 को कृषि जिंसों की आवक बढ़ी, लहसुन के भाव में 500 रुपए की गिरावट
कोटा, राजस्थान: कोटा की भामाशाह मंडी में 11 सितंबर 2024 को विभिन्न प्रकार की कृषि जिंसों की आवक बढ़ी। मंडी में लगभग 21,000 बोरी कृषि उत्पादों की आवक दर्ज की गई। चना की कीमत में गिरावट देखी गई, जबकि लहसुन के भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई। मंडी में लहसुन की 2,900 बोरी की आवक रही और लहसुन की कीमतों में प्रति क्विंटल 500 रुपए की गिरावट हुई।
खरीफ सीजन के अंतिम चरण के चलते नई फसलों की आवक भी मंडी में बढ़ने लगी है, जिससे आने वाले दिनों में कीमतों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं। गेहूं और सरसों के भाव स्थिर रहे, लेकिन चना की कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल की मंदी आई। मंडी में मौजूद अन्य प्रमुख कृषि जिंसों में भी स्थिरता देखी गई।
Kota Mandi Bhav मंडी के प्रमुख कृषि जिंसों के भाव
कोटा मंडी Kota Mandi Bhav में 11 सितंबर 2024 को विभिन्न फसलों के न्यूनतम और अधिकतम भाव इस प्रकार थे:
फसल | न्यूनतम भाव (₹) | उच्चतम भाव (₹) |
---|---|---|
गेहूं | 2650 | 2800 |
धान सुगन्धा | 2200 | 2451 |
धान (1718) | 2800 | 3700 |
धान पूसा | 2300 | 2901 |
ज्वार सफेद | 3500 | 4000 |
सरसों | 5000 | 5925 |
ज्वार शंकर | 2200 | 2700 |
अलसी | 5300 | 5650 |
सोयाबीन | 3900 | 4610 |
बाजरा | 2000 | 2150 |
मूंग नया | 6500 | 8000 |
चना देशी | 6500 | 7000 |
चना मौसमी | 6500 | 7200 |
मक्का | 2000 | 2300 |
धनिया सूखा बादामी | 5700 | 6200 |
धनिया ईगल | 6150 | 6300 |
धनिया रंगदार | 6500 | 7500 |
उड़द | 6000 | 8200 |
जौ नया | 1900 | 2150 |
तिल्ली | 11500 | 13500 |
मैथी | 4700 | 5200 |
कलौंजी | 13000 | 17850 |
लहसुन के भाव में अचानक आई भारी गिरावट किसानों के लिए चिंता का विषय है। इस सीजन में लहसुन के भाव में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, जो बाजार में लहसुन की ज्यादा आपूर्ति और मांग में कमी के कारण हो सकता है।
खरीफ फसल की आवक
खरीफ सीजन की फसलें धीरे-धीरे बाजार में आने लगी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में मंडी में नई फसलों की आवक और बढ़ सकती है, जिससे बाजार में कीमतों में फिर से स्थिरता आ सकती है।
हालांकि, चना और लहसुन के भाव में गिरावट से किसानों को नुकसान हो सकता है, लेकिन आने वाले दिनों में मांग बढ़ने से यह स्थिति बदल भी सकती है। मंडी के जानकारों का कहना है कि अब सभी की नजरें खरीफ फसलों की कीमतों पर टिकी होंगी।
किसानों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलें बेची नहीं हैं, वे मौजूदा स्थिति को देखकर थोड़ा इंतजार कर सकते हैं। मंडी में नई फसल की आवक से कीमतें घटने की संभावना है, लेकिन दूसरी ओर यह बाजार की मांग पर निर्भर करेगा। इसलिए, बेहतर होगा कि किसान बाजार की स्थिति का नियमित अध्ययन करते रहें और फसल बेचने का उचित समय चुनें।